कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि उन्हें संदेह है कि भाजपा शांति नहीं युद्ध चाहती है और उन्होंने भगवा पार्टी पर अपने घोषणापत्र में “कथित राष्ट्र सुरक्षा” पर सख्त रुख अपनाने की बात कह कर अपनी सरकार की “विफलताओं” को ढंकने की कोशिश करने का आरोप लगाया। चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर भाजपा के रुख पर हमला बोलते हुए कहा कि इन संवैधानिक प्रावधानों को निरस्त करने का सुझाव देना जम्मू कश्मीर में “बड़ी तबाही” के बीज बो सकता है।
भाजपा के राष्ट्रवाद के मुद्दे का पार्टी कैसे मुकाबला करेगी यह पूछे जाने पर चिदंबरम ने एक साक्षात्कार में बताया, “भाजपा इस पर तो बोलेगी नहीं कि उसने क्या किया और विफल रही और क्या नहीं कर सकी।” उन्होंने कहा, “भाजपा के घोषणापत्र में नोटबंदी की बात नहीं है। अब वह दो करोड़ नौकरियों की बात नहीं कर रही जो विफलता को स्वीकार करना है। क्योंकि उन्हें इन सारी विफलताओं को छिपाना है इसलिए वह जिसे राष्ट्र सुरक्षा कह रही है उस पर सख्त रुख दिखा रही है।” उन्होंने कहा कि संप्रग के 10 साल के शासन के दौरान भारत पूरी तरह सुरक्षित था जहां भारत-पाकिस्तान या चीन के बीच युद्ध का कोई खतरा नहीं था।
चिदंबरम ने कहा, “ऐसा कोई डर नहीं था कि किसी दिन, किसी भी वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ जाएगा। इसलिए यह कहना कि केवल भाजपा भारत को सुरक्षित रख सकती है पूरी तरह बकवास है।” उन्होंने कहा, “असल में यह भाजपा के कड़े और बढ़-चढ़ कर किए गए दावे हैं जिससे सीमा पर तनाव बढ़ गया है। सीमा क्षेत्र में रह रहे लोग डर में जी रहे हैं कि युद्ध किसी भी समय शुरू हो सकता है। मुझे संदेह है कि भाजपा युद्ध चाहती है। मुझे नहीं लगता कि वह शांति चाहती है। वे एक युद्ध चाहते हैं।